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  • भारतीय परिपेक्ष्य में एक समलैंगिक ट्रांस महिला का वैज्ञानिक सफर

    ए मणि द्वारा मैं रफ सेट्स की एक प्रमुख शोधकर्ता और अंतरराष्ट्रीय रफ सेट समाज की एक वरिष्ठ निर्वाचित सदस्या हूँ। मैं शैक्षणिक समुदाय की कुछ समलैंगिक ट्रांस महिलाओं में से एक हूँ (मैं अपनी पहचान एक महिला के रूप में करती हूँ और मेरे सर्वनाम she/hers/her या वह / उसकी / उसके हैं)। मेरे […]

    August 26th 2021

  • “मैं अवसादित नहीं हो सकती हूँ। मैं दलित हूँ।”

    இந்திய அறிவியல் கல்வித்துறை கட்டமைக்கப்பட்டிருக்கும் விதத்தால், அதிலுள்ள ஆய்வு அறிஞர்களுடைய மன நலன் பாதிக்கப்படும் ஆபத்து உள்ளதாகச் சொல்கிறது இந்தச் செய்தியறிக்கை.

    August 20th 2021

  • बलिदान के विज्ञान के खिलाफ

    रिद्धि दस्तीदार द्वारा लिखित ट्रिगर की चेतावनी: इस रिपोर्ट में छात्रों द्वारा आत्महत्या और अवसाद जैसे मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों पर चर्चा की गई है। यदि आपको सहायता/राहत की जरुरत है तो यहाँ दी गई संसाधनों की सूची देखें। जब चूहों को किसी प्रयोग के लिए मारा जाता है तो प्रयोगशाला की टिप्पणियों में इसका उल्लेख […]

    August 20th 2021

  • सुषमा जी के ज्ञान का प्रकाश

    पुलिस वैन, बैरिकेड और प्रदर्शनकारियों के छोटे-मोटे झुण्ड को चीरते हुए मैंने अपने कदम मद्रास यूनिवर्सिटी के मैथ्स डिपार्टमेंट की ओर बढ़ाये| एक शांतिपूर्ण विद्रोह की महक हवा में थी| यहाँ पर बहुत सारे सरकारी संस्थानों का समूह है जिसमे की १४९ साल पुराना मद्रास विश्वविद्यालय का मुख्य कैंपस भी शामिल है| शायद यही वजह है की इस इलाके में अमूमन ऐसे प्रदर्शन चलते ही रहते हैं|

    August 18th 2021

  • हमारे शीर्ष शिक्षण संस्थान जातिवाद के ज़ोर पर चल रहे हैं

    दलित, बहुजन और आदिवासी पत्रकार, एकेडेमिक्स और कार्यकर्ताओं की एक ऑनलाइन चर्चा में एक बात साफ़ उभर कर आई—आधुनिक भारत के एकेडेमिया में जातिवाद न सिर्फ़ पनप रहा है, बल्कि यही उसकी मुख्य पहचान है

    July 8th 2021